
तूफान वज्र (ग्रेन्यूल्स)

‘वज्र’ दानेदार प्रकृति में पाये जाने वाले जीवाणु ;हेलीसाइड एवं स्पोडोसाइड से लेपित है जो कीटों को संक्रमित कर नष्ट करता हैं। पूर्ण विकसित लार्वा/सुंडी ‘वज्र’ में उपस्थित जीवाणुओं के संक्रमण से नष्ट हो जाती है। मृत सुंडी की कोशिका भित्ति फटने से सफेद द्रव निकलता हैं। जो पुर्नजनन की समाप्ति का द्योतक है।
हेलीसाइड एवं स्पोडोसाइड द्वारा निर्मित ‘वज्र’ सुंडी, भुनगा, सलाई, छेदक, फुदका, कमला सहित लगभग सभी कीटों के सम्पूर्ण प्रबन्धन के लिए एक उत्कृष्ट जैविक उत्पाद है, जिसका प्रयोग विभिन्न फसलों में किया जा सकता है जैसे कि गन्ना, गेंहु, धान, आलू, मूंगफली, टमाटर, चना, मिर्च, गोभी, मटर, बैंगन, सोयाबीन, तम्बाकू, फूलों व सब्जियां इत्यादि।
उपयोग विधि: ‘वज्र’ दानेदार की 5 किग्रा. मात्रा को प्रातःकाल में धूप तेज होने से पूर्व अथवा सायंकाल बिखेर दें, या सिंचाई करने से तुरन्त पूर्व खेत में बिखेर दें। हाथों में दस्तानों का प्रयोग अवश्य करें। ‘वज्र’ दानेदार की यह 5 किग्रा. मात्रा एक एकड़ भूमि के कीट प्रबन्धन हेतु प्रर्याप्त है ।
