
तूफान माइक्रोगोल्ड

(1) माइक्रोगोल्ड - माईक्रोगोल्ड सरकार द्वारा निर्देशित प्रतिशत मात्रा पर आधारित एक सन्तुलित सूक्ष्म पोषक तत्वों का उर्वरक है जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक सूक्ष्म तत्वों की पूर्ति करता है और अपने मूल्य से लगभग पाँच गुना मूल्य की उत्पादन वृद्धि में सहायक सिद्ध होता है।
(2) माईक्रोगोल्ड में तत्वों की मात्रा - माईक्रोगोल्ड में जस्ता (जिंक) 6.0 प्रतिशत, लोहा (आयरन) 3.0 प्रतिशत, तांबा (कॉपर) 3.0 प्रतिशत, गन्धक (सल्फर) 20.0 प्रतिशत, मैगनीज 0.6 प्रतिशत (सभी का सल्फेट रूप) व बोरॉन 1.0 प्रतिशत जल में घुलनशील अवस्था में उपस्थित है।
(3) माईक्रोगोल्ड कैसे काम करता है ? - माईक्रोगोल्ड में सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व उपस्थित है जो फसल वृद्धि में सहायक है। फसल की विभिन्न अवस्थाओं में माईक्रोगोल्ड प्रयोग करने से अच्छे फल, फूल, उपज व गुणवत्ता में वृद्धि होता है। माईक्रोगोल्ड में उपस्थित विभिन्न तत्व भूमि में सूक्ष्म तत्वों की पूर्ति करते है व फसलचक्र न अपना पाने के कारण उपस्थित हुए असन्तुलन को दूर करते है। जस्ता पौधे की पत्तियों की पीलिमा को समाप्त करता है। लोहा जड़ों के विकास में सहायक है ताँबा पत्तियों में रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है, मैगनीज तने की मजबूती बढ़ाता है व बोरोन मिट्टी में उपस्थित विषैले तत्वों के प्रभाव को कम करता है, सल्फर यूरिया खाद की लीचिंग प्रक्रिया को पौधों की आवश्यकतानुसार बनाने में सहायता करता है। माईक्रोगोल्ड प्रत्येक प्रकार की मिट्टी व फसल हेतु आवश्यक सूक्ष्म तत्व पोषण प्रदान करता है व उन्नत फसल उत्पादन में सहायक है।
(4) माईक्रोगोल्ड के लाभ :-
• पैदावार अधिक होती है।
• फसल की गुणवत्ता में वृ( होती है।
• फूल कम गिरते हैं।
• मिट्टी के पोषक तत्वों में वृद्धि होती है।
• पौधों का विकास तेजी से होता है।
• पौधों की जड़ों का भरपूर विकास होता है।
(5) माईक्रोगोल्ड का प्रयोग - 6.5 किग्रा. प्रति एकड़ की दर से पहली मात्रा खेत तैयार करते समय मिट्टी में मिलायें या फसल बुवाई के 15-20 दिन के भीतर खेत में बिखेर कर निराई गुड़ाई करें दूसरी मात्रा 3.5 किग्रा. प्रति एकड़ की दर से पहली मात्रा के 30-40 दिन के अन्तर पर दूसरी मात्रा का प्रयोग करें।
