

जिंक सल्फेट - हेपटाहाइड्रेट
तूफान जिंक सल्फेट - हेपटाहाइड्रेट उत्तमता, शु(ता एवं
विश्वास का प्रतीक
¹ बारीक रवेदार चूर्ण होने के कारण उड़कर खराब नहीं होता।
¹ यूरिया के साथ मिलाने पर अच्छी कोटिंग कर यूरिया की लीचिंग कम करता है।
¹ धीमी गति से उन्मुक्त होने के कारण लम्बे समय तक उपलब्ध रहता है।
¹ अधिक तापमान होने पर भी द्रवीकरण नहीं होता है जिससे बहने की समस्या उत्पन्न नहीं होती।
¹ चूंकि यह शुष्क रवेदार अवस्था में ही पैक होता है अतः अधिक समय तक रखने पर भार में कमी नहीं होती।
‘तूफान’ जिंक सल्फेट - हेपटाहाइड्रेट
प्रयोग विधि:
फसल बोने से पूर्व अंतिम जुताई पर 8-10 किग्रा. प्रति एकड़ जिंक सल्फेट हेपटाहाइड्रेट प्रयोग करना चाहिए।
छिड़काव के लिए प्रति एकड़ 1/2 किग्रा. से 1 किग्रा. मात्रा 200 लीटर पानी में घोलकर 15-15 दिनों के अंतराल पर फसल पर छिड़काव करें। ;जिंक सल्फेट हेपटाहाइड्रेट के घोल में 1-2 किग्रा. यूरिया का प्रयोग भी उचित है।द्ध
फसलें: धान, गेहूँ, गन्ना, मक्का, आलू, सभी प्रकार की सब्जियाँ, समस्त दालें व तेल वाली फसलें, आम, केला, अंगूर, नींबू, पपीता आदि सभी फल, चाय, काॅफी, तम्बाकू एवं सभी प्रकार के फूल इत्यादि सभी फसलें।
