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हमारी  कहानी

प्रिय बंधुवर नमस्कार ,
               तूफान बॉयो ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के विषय में कुछ भी कहने से पूर्व मैं हमारे प्रेरणास्रोत विजय सिंह पथिक जी को नमन करते हुए इस परिवार के सभी साथियों का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ जिनकी प्रेरणा , प्रतिबद्धता और अथक मेहनत के बल पर तूफान बॉयो ऑर्गेनिक्स ने सफलता प्राप्त की है । हम 1989 ई. से उर्वरक और पेस्टिसाइड्स के क्षेत्र में किसानों की सेवा में रत हैं ।  1995 ई. में हमारे संस्थान ने देश के प्रथम किसान सत्याग्रही विजय सिंह पथिक के विचारों को आत्मसात करने का प्रयास किया । उर्वरक और पेस्टिसाइड्स के विक्रय के साथ- साथ हमारे सभी साथी किसान और खेती से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए भी कार्य करने लगे । इसके लिए हमने एक संगठन का भी गठन किया । गाँव गाँव सेमिनार और विचार गोष्टियों का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में हमे नए नए साथी मिलते चले गए । इन विचार गोष्टियों में ही यह आभास हुआ कि हमारी भूमि असन्तुलित उर्वरकों , नकली खादों और घटिया पेस्टिसाइड्स के कारण और जैविक खाद की अनुप्लब्धता के कारण अनुपजाऊ होती जा रही है । इसके कारण किसान को अपनी लागत के अनुरूप फसल व उसका मूल्य नही मिल पाता है । इसके निवारण के लिए काफी अर्से तक हम गाँव गाँव किसानों को असली खाद को पहचानने की विधियां समझाते रहे और उर्वरक संतुलन के विषय में जागरूक करते रहे ।
            2000ई. में एक ग्रामीण गोष्टी में यह विचार सामने आया कि क्यों ना हम अपने संगठन से जुड़े लोगों के लिए जैविक खाद और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण आदि स्वयं ही निर्माण करें और न्यूनतम दर पर वितरण करें । उर्वरक और पेस्टिसाइड्स के व्यापार से जुडे होने के कारण यह जिम्मेदारी हमे सौंपी गई जिसका सभी साथियों ने पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन किया ।  अक्टूबर 2004 ई. में साथियों ने निर्णय लिया कि अपने सीमित संसाधनों में जितना संभव हो सके हमें अधिकाधिक किसानों को अपने उत्पाद उपलब्ध कराने चाहियें । उसके लिए फर्म राजिस्ट्रेशन और लाइसेंस आदि की आवश्यता थी सो हमने किसानों से ही फर्म के नामकरण को सुझाव मांगे । बहुमत से हमारे किसान भाइयों ने कहा कि चूंकि हमारे उत्पाद खेत में तूफान की तरह काम करते हैं सो फर्म का नाम भी तूफान होना चाहिए । इस प्रकार नवम्बर 2004 में फर्म को तूफान बॉयो ऑर्गेनिक्स प्रा.लि. नाम से पंजीकृत करा कर, कृषि विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र ,  लाइसेंस आदि बनवाकर निर्माण व विपणन प्रारम्भ किया गया जो आज तक जारी है ।
             कम्पनी का मोटो और नारा यही है कि किसान हित सर्वोपरि है । इसके पीछे संभवतः यह भी एक कारण है कि हम सब किसान परिवार में जन्में हैं और इस वृहत किसान परिवार की सेवा कर्म के साथ साथ हमारा धर्म भी है ।आज भी हम किसानों को उच्च गुणवत्ता के मानकों को पूरा करते हुए न्यूनतम दर पर अपने उत्पाद उपलब्ध करा रहे हैं । कंपनी परिवार का एक एक सदस्य पूरी निष्ठा से , पूरा सहयोग करते हुए किसानों की सेवा में तत्पर हैं । कंपनी परिवार के सब सदस्य बराबर के जिम्मेदार हैं । इस परिवार में सब एक के लिए सब और सब के लिए एक सिद्धान्त पर कार्य करते हैं । एक बार फिर पुनः सभी साथियों को उनकी अनवरत किसान सेवा के लिए बहुत बहुत साधुवाद ।

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